Cow Colostrum Capsules

गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) : गौ माता का मनुष्य को वरदान गौ माता से हम मानवों को एक विशेष पदार्थ उपहार स्वरूप मिलता है - गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) एक गाय प्रसूत होने के उपरान्त एवं दूध स्त्रवण से पहले 72 घंटों में जो पीला, गाढ़ा द्रव्य पदार्थ स्त्रावित होता है, उसे ही गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) या स्थानीय भाषा में खीस कहतें हैं. गौ पीयूष की मात्रा लगभग 36 लीटर होती है. मानवों में पीयूष स्त्रवण मात्र दो दिन तक ही होता है और उसकी मात्रा अत्यल्प होती है. पीयूष गाढ़ा, दिखने में पीला तथा हाथ से छूने में अत्यधिक चिकना होता है. 1. Immunoglobins: शरीर पर कीटाणुओं का मजबूती से सामना करतें हैं. 2. Lactoferrin: ये शरीर में लौह तत्त्व को मजबूत करतें हैं, सूजन कम करतें हैं. 3. Proline Rich Polypeptide (PRP): PRP गौ-पीयूष में पाया जाने वाला सबसे लाभकारी तत्त्व है, यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है, शरीर में एंटीबाडीज / एंटीजन की कोशिकाओं में बढोतरी करता है ये एंटीबाडीज कीटाणुओं और कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करते हैं, HIV से ग्रसित मरीजो में CD4 कोशिकाओं की बढोतरी करता है. 4. Growth Factors: गौ-पीयूष में कई प्रकार के ग्रोथ फैक्टर पाए जातें हैं इनमे IGF1 एवं IGF2, EGF, TGF Alfa TGF Beta, DPGF, NGF, और GFG प्रमुख हैं. ये सभी ग्रोथ फैक्टर शरीर की कोशिकाओं का कार्य सुचारू रूप से चलाने में सहायता करतें हैं. 5. Leptin: यह शरीर में भूख को नियंत्रित करता है, थाईराइड ग्रंथि के विकार दूर करता है, चयापचय को नियमित करता है, जिससे अगर कोई व्यक्ति मोटा या दुबला है तों वह अपने सामान्य अवस्था में आ जाता है. 6. Hydrogen Peroxide: यह तत्त्व शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक होता है, कीटाणुओं को नष्ट करता है तथा साथ ही चयापचय को भी नियमित करता है. 7. Phytic Acid: यह अत्यंत शक्तिशाली Antioxidant (एंटीओक्सीडेंट) है जो कैसर की कोशिकाओं व् ट्यूमर को नष्ट करता है, रक्त में लौह की अधिक मात्रा को सही करता है. 8. Myoinositol: इसे विटामिन B-8 भी कहा जाता है, यह एक तरह से दिमाग को ठंडक और मजबूती प्रदान करता है तथा यकृत को पुष्टि प्रदान करता है. 9. Transfer Factor: यह 44 अमीनो एसिड का भण्डार है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को आश्चर्यजनक रूप से बड़ा देते हैं. 10. Vitamins: गौ-पीयूष में विटामिन A, E, Thiamin, Riboflavin, Nicotinic Acid, और Pathothnic Acid पाए जातें हैं जो मानव को हर बीमारी से जल्द स्वस्थ होने में मददगार होतें हैं. 11. Minerals: मानव शरीर में कुछ खनिज तत्वों की आवश्कता हमेशा ही रहती है और गौ-पीयूष में पोटाशियम, सोडियम, केल्शियम, मैंगनीज, क्लोरीन और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जातें हैं. दुनिया भर के वैज्ञानिको ने गौ-पीयूष को लगभग हर बीमारी के उपचार में सफल बताया है और परिणाम भी देखें हैं, न जाने कितने ही रोगी गौ-पीयूष से असाध्य बीमारियों से मुक्ति पा चुके हैं ..जिन बीमारियों पर गौ-पीयूष के सफल परिणाम देखे गएँ हैं उनमे प्रमुख हैं : टीबी, एन्फ्लुन्जा, HIV, वायरल इन्फेक्शन, कैसर. सर्दी , जुकाम, खांसी, अस्थमा, एक्झीमा. जोड़ो और हड्डियों का दर्द, सोरियासीस, हड्डियों के अन्य रोग सूजन, अल्सरेटिव कोलाइटिस सरवाईकल, लुम्बर डिसआर्डर खून की कमी, खून का बहना जल्दी बंद न होना खून की नसों का बंद हो जाना त्वचा के सभी प्रकार के रोग आखों के रोग जैसे - आखों का सूखापन ऑपरेशन से होने वाली कमजोरी और जख्म , प्लास्टिक सर्जरी , गर्भाशय के रोग, मासिक में कष्ट या रक्त का अधिक बहना, दिमाग के रोग - अल्झायमर, याददाश्त कम होना, ह्रदय की नलिकाओं और नसों के रोग, सभी प्रकार का मधुमेह, मोटापा या दुबलापन, भूख न लगना, अब यही गौ-पीयूष को एक कैप्सूल के रूप में बनाया गया है जो खाने में सुविधाजनक और आसानी से हर वक्त उपलब्ध है. इस केप्सुल का आविष्कार स्वर्गीय राजीव दीक्षित जी की प्रेरणा से डॉक्टर भटकर जिन्होंने विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर बनाया था, ने किया है, कुछ साल पहले जब महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू फैला था तब इस कैप्सूल का प्रयोग रामबाण की तरह हुआ था, और जिन लोगों ने इस कैप्सूल का प्रयोग किया था उन्हें यह रोग छु भी नहीं पाया था. इस कैप्सूल को लेना कैसे है ? 1 से 5 साल के बच्चे : आधा कैप्सूल 2-3 बार प्रतिदिन, पानी के साथ 5 से 11 साल के बच्चे : 1 कैप्सूल सुबह और 1 शाम प्रतिदिन, पानी के साथ 12 से 16 साल के बच्चे : 1-1 कैप्सूल तीन समय प्रतिदिन, पानी के साथ बड़ों के लिए रोग यदि तीव्र अवस्था में है तों 4 कैप्सूल दिन में 4 बार, पानी के साथ गंभीर रोग में 2-3 कैप्सूल एक दिन में 3 बार, पानी के साथ निरोग व्यक्ति सदा ही निरोग रहने के लिए 1 कैप्सूल दिन में 3 बार, पानी के साथ ले सकता है. (10-80 मिलीग्राम / शरीर का भार) इस कैप्सूल का कोई दुष्परिणाम (साइड इफेक्ट ) नहीं है, पैदा हुए बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसका सेवन कर सकतें हैं..गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) : गौ माता का मनुष्य को वरदान गौ माता से हम मानवों को एक विशेष पदार्थ उपहार स्वरूप मिलता है - गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) एक गाय प्रसूत होने के उपरान्त एवं दूध स्त्रवण से पहले 72 घंटों में जो पीला, गाढ़ा द्रव्य पदार्थ स्त्रावित होता है, उसे ही गौ-पीयूष (Cow-Colostrum) या स्थानीय भाषा में खीस कहतें हैं. गौ पीयूष की मात्रा लगभग 36 लीटर होती है. मानवों में पीयूष स्त्रवण मात्र दो दिन तक ही होता है और उसकी मात्रा अत्यल्प होती है. पीयूष गाढ़ा, दिखने में पीला तथा हाथ से छूने में अत्यधिक चिकना होता है. 1. Immunoglobins: शरीर पर कीटाणुओं का मजबूती से सामना करतें हैं. 2. Lactoferrin: ये शरीर में लौह तत्त्व को मजबूत करतें हैं, सूजन कम करतें हैं. 3. Proline Rich Polypeptide (PRP): PRP गौ-पीयूष में पाया जाने वाला सबसे लाभकारी तत्त्व है, यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है, शरीर में एंटीबाडीज / एंटीजन की कोशिकाओं में बढोतरी करता है ये एंटीबाडीज कीटाणुओं और कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करते हैं, HIV से ग्रसित मरीजो में CD4 कोशिकाओं की बढोतरी करता है. 4. Growth Factors: गौ-पीयूष में कई प्रकार के ग्रोथ फैक्टर पाए जातें हैं इनमे IGF1 एवं IGF2, EGF, TGF Alfa TGF Beta, DPGF, NGF, और GFG प्रमुख हैं. ये सभी ग्रोथ फैक्टर शरीर की कोशिकाओं का कार्य सुचारू रूप से चलाने में सहायता करतें हैं. 5. Leptin: यह शरीर में भूख को नियंत्रित करता है, थाईराइड ग्रंथि के विकार दूर करता है, चयापचय को नियमित करता है, जिससे अगर कोई व्यक्ति मोटा या दुबला है तों वह अपने सामान्य अवस्था में आ जाता है. 6. Hydrogen Peroxide: यह तत्त्व शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायक होता है, कीटाणुओं को नष्ट करता है तथा साथ ही चयापचय को भी नियमित करता है. 7. Phytic Acid: यह अत्यंत शक्तिशाली Antioxidant (एंटीओक्सीडेंट) है जो कैसर की कोशिकाओं व् ट्यूमर को नष्ट करता है, रक्त में लौह की अधिक मात्रा को सही करता है. 8. Myoinositol: इसे विटामिन B-8 भी कहा जाता है, यह एक तरह से दिमाग को ठंडक और मजबूती प्रदान करता है तथा यकृत को पुष्टि प्रदान करता है. 9. Transfer Factor: यह 44 अमीनो एसिड का भण्डार है जो शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को आश्चर्यजनक रूप से बड़ा देते हैं. 10. Vitamins: गौ-पीयूष में विटामिन A, E, Thiamin, Riboflavin, Nicotinic Acid, और Pathothnic Acid पाए जातें हैं जो मानव को हर बीमारी से जल्द स्वस्थ होने में मददगार होतें हैं. 11. Minerals: मानव शरीर में कुछ खनिज तत्वों की आवश्कता हमेशा ही रहती है और गौ-पीयूष में पोटाशियम, सोडियम, केल्शियम, मैंगनीज, क्लोरीन और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जातें हैं. दुनिया भर के वैज्ञानिको ने गौ-पीयूष को लगभग हर बीमारी के उपचार में सफल बताया है और परिणाम भी देखें हैं, न जाने कितने ही रोगी गौ-पीयूष से असाध्य बीमारियों से मुक्ति पा चुके हैं ..जिन बीमारियों पर गौ-पीयूष के सफल परिणाम देखे गएँ हैं उनमे प्रमुख हैं : टीबी, एन्फ्लुन्जा, HIV, वायरल इन्फेक्शन, कैसर. सर्दी , जुकाम, खांसी, अस्थमा, एक्झीमा. जोड़ो और हड्डियों का दर्द, सोरियासीस, हड्डियों के अन्य रोग सूजन, अल्सरेटिव कोलाइटिस सरवाईकल, लुम्बर डिसआर्डर खून की कमी, खून का बहना जल्दी बंद न होना खून की नसों का बंद हो जाना त्वचा के सभी प्रकार के रोग आखों के रोग जैसे - आखों का सूखापन ऑपरेशन से होने वाली कमजोरी और जख्म , प्लास्टिक सर्जरी , गर्भाशय के रोग, मासिक में कष्ट या रक्त का अधिक बहना, दिमाग के रोग - अल्झायमर, याददाश्त कम होना, ह्रदय की नलिकाओं और नसों के रोग, सभी प्रकार का मधुमेह, मोटापा या दुबलापन, भूख न लगना, अब यही गौ-पीयूष को एक कैप्सूल के रूप में बनाया गया है जो खाने में सुविधाजनक और आसानी से हर वक्त उपलब्ध है. इस केप्सुल का आविष्कार स्वर्गीय राजीव दीक्षित जी की प्रेरणा से डॉक्टर भटकर जिन्होंने विश्व का प्रथम सुपर कंप्यूटर बनाया था, ने किया है, कुछ साल पहले जब महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू फैला था तब इस कैप्सूल का प्रयोग रामबाण की तरह हुआ था, और जिन लोगों ने इस कैप्सूल का प्रयोग किया था उन्हें यह रोग छु भी नहीं पाया था. इस कैप्सूल को लेना कैसे है ? 1 से 5 साल के बच्चे : आधा कैप्सूल 2-3 बार प्रतिदिन, पानी के साथ 5 से 11 साल के बच्चे : 1 कैप्सूल सुबह और 1 शाम प्रतिदिन, पानी के साथ 12 से 16 साल के बच्चे : 1-1 कैप्सूल तीन समय प्रतिदिन, पानी के साथ बड़ों के लिए रोग यदि तीव्र अवस्था में है तों 4 कैप्सूल दिन में 4 बार, पानी के साथ गंभीर रोग में 2-3 कैप्सूल एक दिन में 3 बार, पानी के साथ निरोग व्यक्ति सदा ही निरोग रहने के लिए 1 कैप्सूल दिन में 3 बार, पानी के साथ ले सकता है. (10-80 मिलीग्राम / शरीर का भार) इस कैप्सूल का कोई दुष्परिणाम (साइड इफेक्ट ) नहीं है, पैदा हुए बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसका सेवन कर सकतें हैं..

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