यह पाक बलवीर्यवर्द्धक और पौष्टिक योगों का राजा है और हर उम्र के व्यक्ति, स्त्री और पुरुष के लिए सेवन योग्य है। दुबले और कमजोर व्यक्तियों को इसका सेवन नियमित करना चाहिए। इसके सेवन से दिमाग, हृदय और स्नायविक संस्थान को बहुत बल मिलता है, वीर्य की कमी दूर होती है, वीर्य बढ़ता है और गाढ़ा होता है, जिससे यौनशक्ति बढ़ती है, स्तम्भन शक्ति बढ़ती है। इसका सेवन करने से पित्त विकार और इससे पैदा होने वाले रोग दूर होते हैं, सिर दर्द, कमजोरी के कारण आने वाले चक्कर दूर होते हैं, दिमागी थकावट और कमजोरी दूर होती है।