धातु रोग के सामान्य कारणों में कमर के निचले भाग में दर्द, थकान, अवसाद, सुस्त आंखें, अंडकोष वाले हिस्से में दर्द और पसीना आना, चक्कर आना, कमजोरी, रात को पसीना आना, गर्म और नम हथेलियां व तलवे शामिल हैं.
धात रोग के उपचार के लिए जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी है. शराब का सेवन न करना, रात के समय कम भोजन करना, बहुत मुलायम गद्दों पर न सोना, जननांगों को पूरी तरह से स्वच्छ रखना, मल त्याग सही से होना आदि इसके उपचार में सहायक है. वीर्यपात की समस्या आमतौर पर सुबह के कुछ घंटों में होती है, तो ऐसे में आप अलार्म की मदद से सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें. रात में सोते समय टाइट कपड़े न पहने. इसके अलावा संतुलित और पौष्टिक आहार भी उपचार में मदद कर सकते हैं.