पृ थ्वीवासियों के रूप में, इस पृथ्वी पर किसी को जरा सा भी अनुमान नहीं है कि मृत्यु के बाद हम कहाँ रहेंगे। हम उन्हीं लोगों के साथ रहेंगे, जिन्हें हम प्यार करते हैं या उनके साथ जिनसे हम आज सबसे ज्यादा नफरत करते हैं। हालाँकि हम जानते हैं कि हम इस पृथ्वी पर बहुत कम, सीमित समय के लिए आते हैं, फिर भी हममें से अधिकतर लोग छोटी-छोटी बातों पर पसीना बहाने में अपना अधिकांश समय बरबाद कर देते हैं। यदि हम इस पृथ्वी पर जीवन को एक व्यापक स्तर पर देखें, तो सबकुछ हमारे जन्म से शुरू होता है और फिर ये निर्णय लिया जाता है कि हमें एक निर्धारित भूमिका निभानी है। पृथ्वी पर रहने के दौरान, हमें कई चीजों से प्यार हो जाता है, हमें कई चीजों में जीत मिलती है और कई में हार, और इन सबके अंत में, जब हमारे जाने का समय आ जाता है, हम इस ग्रह को छोड़ देते हैं।