
No products found
Recent searches
Clear all
Bestsellers
Vetiver Roots / खस की जड़ - 100gm
Per piece
आपके पानी में खस की जड़ है क्या?
हमेशा की तरह गोधूली परिवार इस बार भी एक नया उत्पाद के साथ नई जानकारी लाया है जो हर घर मे होना चाहिए।
आयुर्वेद में अद्भुत औषधि माने जानी वाली खस
अब आपके परिवार को बनाएगी स्वस्थ
खस यानी वेटीवर (vetiver) यह एक प्रकार की झाड़ीनुमा घास है, जो केरल,तमिलनाडु व अन्य दक्षिण भारतीय प्रांतों में उगाई जाती है #वेटीवर शब्द है #तमिल भाषा का, दुनिया भर में यह घास अब इसी नाम से जानी जाती है.हालांकि उत्तरी और पश्चिमी #भारत में इसके लिए खस शब्द का इस्तेमाल ही होता है इस घास की ऊपर की पत्तियों को काट दिया जाता है और नीचे की जड़ से खस के #परदे तैयार किए जाते हैं. बताते हैं कि यह करीब 75 प्रकार की होती है। जिनमें भारत में #Vetiveria #zizanioides अधिक उगाया जाता है।।
अपने इसका पौधा नदियों के किनारे बहुतायत मे देखा होगा। इसकी जड़ में औषधीय गुणों के साथ पानी को एकत्रित एवं शुध्द करने की अद्भत क्षमता होती है। यह उपजाऊ मिट्टी को वर्षा में बहने नही देता।
आयुर्वेद में खस को उशीर कहते हैं। इसी से उशिरासव प्राप्त होता है। ठंडक के लिए जैन मंदिर में #खसकुची का प्रयोग भगवन के प्रक्षाल में करते हैं। इसका इत्र बहुत राहत देता है।
कन्नौज के आसपास के जिलों में यह घास बहुतायत में मिलती है, गर्मियों में वहाँ से इसकी जड़ें निकालकर किसान कन्नौज बेचने आते हैं जहाँ अनगिनत इत्र के कारखानों में इनसे बढ़िया इत्र निकाल कर देश और विदेश भेजा जाता है। इत्र निकलने के बाद उन्हीं जड़ों से खस की पट्टियाँ, कूलर की घास और खस के पर्दे तैयार किये जाते हैं।
खस की थोड़ी जड़ को साफ कपड़े में बांध कर मटके में डालकर पानी पीने से पानी मधुर,खुश्बूदार और सबसे अधिक फायदा पेट की बिमारीयों में पहुचाता है
एसीडिटी में यह पानी बहुत कारगर है..
खस का प्रयोग जल शुद्धीकरण के लिए भी होता है। अभी भी जिनके यहां वाटर प्यूरीफायर (RO) नहीं है वे लोग पानी को मटके में रखते हैं और मटके के अंदर कुछ खस डालकर पानी पीते है।
जिन भाइयो के घर के पास यह उगा है वह सीधे वहाँ से प्रयोग कर सकते है। अन्य परिवार हमसे मंगवा सकते है। यह pack ग्राम लगभग एक महीने से भी अधिक समय तक चलेगा। प्रयास करे की एक बार मे 4 या 5 पैकेट मंगवा ले जिस से कूरियर का खर्च बार बार देने से बचे।
गूगल पर इसके गुणों को सर्च करेंगे तो अनगिनत आर्टिकल मिलेंगे।
प्रयोग विधि:
100 ग्राम खस की जड़ में से लगभग एक चौथाई भाग लेकर छोटा गुच्छा बनाकर 10 लीटर पीने के पानी में डालकर लगभग एक सप्ताह या जब तक इसकी सुगंध कम या होने तक प्रयोग करें तत्पश्चात