Gulkand with Paan and Honey (Sun Cooked Process) 500 Grams
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। पेट की गर्मी दूर कर ठंडक देता है। भूख को बढ़ाता है। पाचन क्रिया सही रहती है। पसीने की बदबू को दूर करता है। आंखों में जलन से लेकर मोतियाबिंद तक की समस्याओं में असरकारक होता है। गर्मी में बच्चों को पेट की बीमारी से गुलकंद बचाता है। गुलकंद का सेवन करने से थकान, कमजोरी, शारीरिक दर्द और तनाव जैसी समस्याओं को दूर करता है। यादाशत को बढ़ाता है। कैंसर रोगियों को कीमोथेरेपी के उपचार के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए गुलकंद का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। यह एंटीबायोटिक और पेनकिलर दवाओं से होने वाले नुकसान को भी दूर करता है। गुलकंद खाने का तरीका:- गुलकंद का उपयोग दूध या पानी के साथ प्रतिदिन एक या दो बार किया जा सकता है। शिशुओं को 1 ग्राम, बच्चों को 2 से 3 ग्राम, वयस्क को 5 से 10 ग्राम या 20 ग्राम, गर्भावस्था में 2 से 5 ग्राम तथा वृद्धावस्था (बुढ़ापा) में 5 ग्राम देना चाहिए। हल्के कब्ज में सोने से पहले एक बार, मध्यम कब्ज में सुबह नाश्ते के एक घंटे बाद और रात में सोने से पहले दे सकते हैं। बाकी सारी समस्याओं में खाने के एक घंटे बाद दिन में दो बार दे सकते हैं। हाई बीपी के मरीज को रोजाना 20 ग्राम तक गुलकंद खाना चाहिए। इससे कब्ज की दिक्कत नही रहेगी।