Antah Karna Chart

अन्तः करण का मतलब ही यही है कि हमारे भीतर की आंतरिक शक्तियां जब हम अन्तः करण सिंबल को आसन के स्थान पर रखकर उसके ऊपर कपड़ा बिछाकर उसके ऊपर बैठकर साधना करते है तो हमारा रुट चक्रा जागृत होता है। मूलाधार चकरा से ऊर्जा प्रवाहित होते हुए क्राउन चक्रा पर जाती है सातों चक्रों को क्लिंज , हील करके बैलेंस कर देती है। उसी तरह से जब हम अन्तः करण सिंबल को हीलिंग वाले स्थान पर रखते है और जितने भी लोगो को हील करते है तो उन सभी के सातो चक्र एक्टिवेट हो जाते है और उन सभी के सारे रोग और समस्याएं समाप्त हो जाती है। 

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