पढ़ो तो एसे

अच्ची खुशी के लिये हर एक व्यक्ति को स्वयं की क्षमताओं स का ज्ञान होना ज़रूरी है। मनुष्य का मस्तिष्क असीमित संभावनाओं से भरा है। ये संभावनाएँ तभी वास्तविकता में खोजी जा सकती हैं, जब हम पारम्परिक सोच से ऊपर उठकर मस्तिष्क की सोयी हुई क्षमता को पा लें। यह पुस्तक हमें एक नई दिशा देती है कि कैसे पढ़ा जाए। यह विभिन्न तकनीकों के द्वारा पाठक के मस्तिष्क को उत्तेजित कर देती है और बुद्धि की कार्यप्रणाली को समझने में मदद करती है। इस पुस्तक में सही कहा गया है - "कोई भी इसे कर सकता है।" यह अद्भुत पुस्तक उन छात्रों के लिये है, जो अपनी सीमाओं को लाँघकर आगे निकल जाना चाहते हैं। ऐश शुक्ला म्यूजिशियन एण्ड टेक्नीकल इवेन्जलिस्ट बी.ई., डेल्ही कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग बी.एस. कम्प्यूटर साइंस, कोलोरैडो स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका बी.एस. साइकोलॉजी, कोलोरैडो स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका ऐसोसिएट डिग्री, म्यूज़िक, सिटी कॉलेज ऑफ सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका

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