एजोटोबैक्टर ( तरल जैव उर्वरक )- 500 मिलीलीटर
एजोटोबैक्टर आक्सीजन की उपस्थिति में वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करने वाला जैव उर्वरक है।
यह जैव उर्वरक वायुमंडलीय नाइट्रोजन को परिवर्तित कर पौधों को उपलब्ध कराता है तथा वृद्धि हार्मोन बनाता है, जिससे जड़ों का विकास होता है।
यह कुछ कीटनाशक पदार्थ भी छोड़ता है, जिससे जड़ों की बीमारियों से रक्षा होती है।
सभी फसलों के लिये उपयुक्त।
संघटक: सूक्ष्म जीवाणु संख्या घनत्व (CFU): 1 x 108 / मिलीलीटर
लाभ:-
एजोटोबैक्टर के उपयोग से फसलों को 30 से 40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन उपलब्ध होती है।
उपज में 10 से 20 प्रतिशत वृद्धि होती है।
60 से 80 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की बचत होती है।
उपयोग की विधि:
बीज उपचार:
जड़ उपचार:
मृदा उपचार:
1. 250 मिलीलीटर तरल जैव उर्वरक का 2 -3 लीटर पानी में घोल बनाएं।
2. इस घोल को 50-60 किग्रा. बीज के ढेर पर डालकर हाथों से मिलाएं जिससे जैव उर्वरक बीजों पर समान रूप से मिल जाये।
3. उपचारित बीजों को छाया में सुखाकर यथाशीघ्र ही बुवाई कर दें।
1. यह विधि रोपाई वाली फसलों के लिए उपयुक्त है।
2. 250 मिलीलीटर तरल जैव उर्वरक का 4-5 लीटर पानी में घोल बनाएं।
3. एक एकड़ के लिए पर्याप्त पौधों की जड़ों को 20 -30 मिनट तक घोल में डुबाएं।
4. उपचारित पौधों की यथाशीघ्र ही रोपाई कर दें।
1. प्रति एकड़ उपचार हेतु 300-400 मिलीलीटर तरल जैव उर्वरक की आवश्यकता पड़ेगी।
2. 300-400 मिलीलीटर तरल जैव उर्वरक को 50-100 किग्रा. मिट्टी /बालू /कम्पोस्ट में अच्छी तरह से मिलाएं।
3. इस मिश्रण को बुवाई के समय या 24 घंटा पूर्व एक एकड़ क्षेत्रफल में समान रूप से बिखेर दें।
सावधानियां:
इसे धूप से बचाकर छायादार एवं ठंडे स्थान में रखें।
फसल विशेष के अनुरूप ही जैव उर्वरक का चुनाव करें।
रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं को इनसे दूर रखें तथा इनके साथ उपयोग न करें।