उत्पाद का नाम: तरल कॉन्सोर्टिया (एन.पी.के.)
(तरल जैव उर्वरक)
दलहनी फसलों सहित सभी फसलों के लिए उपयोगी
उत्पाद संघटक : सूक्ष्म जीवाणु संख्या घनत्व (CFU): 5 x 108 / एमएल
शुध्द मात्रा : 500 मिलीलीटर
लाभ :- इस के उपयोग से फसलों को नाइट्रोजन,फॉस्फोरस,एवं पोटाश की उपलबधता होती हैं।
उपयोग की विधी :-
बीज उपचार :-
1. 250 मिली. तरल जैव उर्वरक का 2 -3 लीटर पानी में घोल बनाए
2. इस घोल को 50 -60 किग्रा. बीज के ढेर पर डालकर हाथो से मिलाए जिससे बीजो पर जैव उर्वरक समान रूप से मिल जायें
3. उपचारित बीजो को छाया में सुखाकर यथाशीघ्र ही बुवाई कर दें
जड़ उपचार :-
1. यह विधि रोपाई वाली फसलों के लिए उपयुक्त हैं
2. 250 मिली. तरल जैव उर्वरक का 4 -5 लीटर पानी में घोल बनाए
3. एक एकड़ के लिए पर्याप्त पौधों की जड़ों को 20 -30 मिनट तक घोल में डुबाए
4. उपचारित पौधों की यथाशीघ्र ही रोपाई कर दे
मृदा उपचार :-
1. प्रति एकड़ उपचार हेतु 300 -400 मिली. तरल जैव उर्वरक की आवश्यकता पड़ेगी
2. 300 -400 मिली. तरल जैव उर्वरक को 50 -100 किग्रा. मिट्टी /बालू /कम्पोस्ट में अच्छी तरह से मिलाये
3. इस मिश्रण को बुवाई के समय या 24 घंटा पूर्व एक एकड़ क्षेत्रफल में समान रूप से बिखेर दे।
सावधानियां :-
1. तरल जैव उर्वरक को धुप से बचाकर छायादार एवं ठंडे स्थान में रखे
2. फसल विशेष के अनुरूप ही जैव उर्वरक का चुनाव करें
3. रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक दवाओं को इनसे दूर रखें तथा इनके साथ उपयोग न करें