Contact for order dealer Skybyz 9009971869 संपूर्ण जानकारी के लिए भी कांटेक्ट करें Dr. Sp Sonwaniफसल वृद्धि के अंदर हमने निम्न खादों का प्रयोग किया है :-
ह्यूमिक एसिड 30% HUMIC ACID
सीवीड एक्सट्रैक्ट 20% SEAWEED EXT.
पोटैशियम 5% POTASSIUM
ऑर्गेनिक कार्बन 45% ORGANIC CARBON
1. ह्यूमिक एसिड के लाभ / HUMIC ACID
1. इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य मिट्टी को भुरभुरी बनाना है जिससे जड़ों का विकास अधिक हो सके.
2. ये प्रकाश संलेषण की क्रिया को तेज करता है जिससे
पौधे में हरापन आता है और शाखाओं में वृद्धि होती है.
3. पौधों की तृतीयक जडों का विकास करता है जिससे
की मृदा से पोषक तत्वों का अवशोषण अधिक हो सके.
4. पौधों की चयापचयी क्रियाओं में वृद्धि कर मृदा की उर्वरा शक्ति बढाता है.
5. पौधों में फलों और फूलों की वृद्धि कर फसल की उपज
को बढ़ाने में सहायक है.
6. बीज की अंकुरण क्षमता बढाता है तथा पौधों को प्रतिकूल वातावरण से भी बचाता है.
2. समुद्री शैवाल उर्वरक के लाभ SEAWEED EXTRACT
1. पारंपरिक उर्वरकों की तुलना में, समुद्री शैवाल उर्वरक में व्यापक पोषण, संतुलित विकास, महत्वपूर्ण उपज में वृद्धि
होती है,
2. समुद्री शैवाल में बड़ी संख्या में रोग प्रतिरोधी कारक और विशेष घटक होते हैं, जिनका दोहरा प्रभाव होता है।
फसलों के आवेदन के बाद, रोग के प्रतिरोध में काफी
वृद्धि हुई थी।
3. समुद्री शैवाल में बड़ी संख्या में उच्च सक्रिय तत्व होते हैं,
जो पौधों द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिए जाते हैं।
फसलें आवेदन के बाद बहुत तेजी से बढ़ती हैं, जिससे
फसलों की उपज और गुणवत्ता में काफी सुधार हो
सकता है।
4. समुद्री शैवाल उर्वरक लंबे समय तक उर्वरक प्रभाव के साथ कार्बनिक पदार्थों और धीमी गति से रिलीज
कारकों में समृद्ध है, जो मिट्टी के सूक्ष्म पारिस्थितिकी
में सुधार कर सकते हैं,
जड़ों को बढ़ावा दे सकते हैं और सक्रिय मिट्टी के साथ दोहराया मल का विरोध कर सकते हैं।
5. समुद्री शैवाल उर्वरक प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रदूषण रहित है। पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों में उर्वरक क्षमता और गंभीर प्रदूषण होता है।
3. पोटाश एक आवश्यक पोषक तत्व /POTASSIUM
1. पौधों की वृद्धि एवं विकास के लिये पोटाश आवश्यक है।
2. पोटाश फसलों को मौसम की प्रतिकूलता जैसे- सूखा, ओला पाला तथा कीड़े-व्याधि आदि से बचाने में मदद करता है।
3. पोटाश जड़ों की समुचित वृद्धि करके फसलों को उखड़ने से बचाता है। पोटाश के प्रयोग से पौधों की कोशिका दीवारें मोटी होती है ओर तने को कोष्ठ की परतों में वृद्धि होती रहती है, जिसके फलस्वरूप फसल के गिरने में रक्षा होती है।
4. जिन फसलों को पोटैशियम की पूरी मात्रा मिलती है उन्हें वांछित उपज देने के लिये अपेक्षाकृत कम पानी की
आवश्यकता होती है इस प्रकाश पोटैशियम के प्रयोग से
फसल की जल-उपयोग-क्षमता बेहतर होती है।
5. पोटाश फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने वाला सर्वाधिक
महत्त्वपूर्ण तत्व हैं।
4. रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग / ORGANIC CARBON
फसल चक्र के प्रभावी न होने से मिट्टी की सेहत बिगड़ती जा रही है। फसल दर फसल मिट्टी में आर्गेनिक कार्बन की कमी से फसलों में रोगों से लड़ने की क्षमता घट रही है। ऐसे में मौसम का उतार-चढ़ाव फसलों पर भारी पड़ रहा है। यह चौंकाने वाला तथ्य मृदा परीक्षण रिपोर्ट में सामने आया है।
फसल वृद्धि का कीमत 1199 रुपए
इसकी पैकिंग 2 किलो का आता है!