विशिष्ट गुणकारी पौष्टिक जड़ी बूटियों एवं मूल्यवान भस्मों के सहयोग से निर्मित यह महाऔषधि शरीर में रस रक्तादि धातुओं का पोषण एवं निर्दोष वीर्य का निर्माण करने में सक्षम है । स्तम्भन शक्ति वर्धक है। इसके नियमित प्रयोग से स्नायु दुर्बलता ,स्वप्नदोष व प्रमेह जन्य दुर्बलता , थकान आदि विकार दूर होकर आंतरिक शक्ति का विकास होता है।