करेले से कमजोरी दूर होती है, और जलन, कफ, सांसों से संबंधित विकार में लाभ मिलता है। चिड़चिड़ाहट, सुजाक, बवासीर आदि में भी करेले से फायदा मिलता है। करेला (bitter gaurd) के बीज घाव, आहार नलिका, तिल्ली विकार, और लिवर से संबंधित समस्याओं में करेला लाभदायक होता है।